NEELAM GUPTA

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बरसात की एक रात

बरसात की एक रात।

तुमको क्या है याद बरसात की वो रात ।
फैलाकर अपने हाथ हम भीगे साथ साथ।

लेकर अंजलि में बुन्दे महसूस किया वो प्यार।
बिजली कड़की तभी डर कर मैं सिमट गई ।

तेरी पनाह में ऐसा लगा मैं खोई तेरे जहाँ में।
बनाकर तुमने अपने जज़्बात की छत।

थामा था मेरा हाथ‌ ,आज फिर वही बारिश है।
बिजली भी कड़क रही है ,बस तु साथ नहीं है।

मैं अकेले आँसुओ की बारिश में भीग रही हूँ।
आंखों से तेरी यादों को दामन से पूछ रही हूं।

कोरे पन्ने पर फिर से तेरी मेरी जिंदगी लिख दी।
तेरे फिर से ना मिलने की ज़िद की कहानी लिख

दी।

नीलम गुप्ता 🌹🌹(नजरिया)🌹🌹

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6 Comments

Aliya khan

16-Jun-2021 07:17 PM

बेहतरीन

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एक खूबसूरत रचना 👌👌

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Seema Priyadarshini sahay

16-Jun-2021 05:23 PM

बहुत ही खूबसूरत

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